Adalpur Samdu
अदलपुर समदू ग्राम पंचायत की वित्तीय रिपोर्ट 2025-26: ग्रामीण विकास की एक पारदर्शी झलक
लेखक: [आपका नाम] | स्थान: अमरोहा, उत्तर प्रदेश | विषय: पंचायती राज, ग्रामीण विकास, वित्तीय पारदर्शिता
परिचय: क्यों ज़रूरी है पंचायतों की वित्तीय रिपोर्टिंग?
भारत की पंचायती राज प्रणाली लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूत करने वाला सबसे मजबूत स्तंभ है। स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायतें अगर पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और कुशल योजना के साथ कार्य करें, तो ग्रामीण विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की अदलपुर समदू ग्राम पंचायत ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 में अपने कार्यों के माध्यम से इसकी मिसाल पेश की है।
मुख्य आँकड़े एक नज़र में
योजना-वार फंडिंग और व्यय विश्लेषण
1. XV वित्त आयोग (15th Finance Commission)
- प्राप्त राशि: ₹1,99,523
- खर्च: ₹1,99,000
- शेष: ₹523
- निष्कर्ष: इस योजना की राशि का लगभग संपूर्ण और प्रभावी उपयोग हुआ।
2. अन्य योजनाएं (12वां, 13वां, 4th SFC आदि)
- प्राप्त और खर्च की गई राशि: ₹0
- निष्कर्ष: इन योजनाओं के अंतर्गत इस पंचायत को कोई फंड नहीं मिला या इन योजनाओं पर कोई काम नहीं हुआ।
74 स्वीकृत कार्य: परफॉर्मेंस की हकीकत
- कुल 74 कार्य स्वीकृत किए गए जिनकी लागत ₹19,04,072 थी (यह आवंटन से थोड़ी अधिक है)।
- लेकिन कोई भी कार्य "चल रहे" कार्यों की सूची में नहीं है।
- इसका मतलब यह हो सकता है कि या तो कार्य समय से पूरे हो चुके हैं या रिपोर्टिंग में अपडेट की कमी है।
मुख्य चुनौतियाँ
- पूर्ण फंड उपयोग न होना: ₹19 लाख स्वीकृति के बावजूद केवल ₹6 लाख खर्च दिखाया गया।
- रिपोर्टिंग में पारदर्शिता की कमी: कार्यों का विवरण, प्रभाव, और लाभार्थियों की जानकारी उपलब्ध नहीं।
- कई योजनाओं में निष्क्रियता: यह पंचायत प्रतिनिधियों की योजना जानकारी या क्रियान्वयन की कमी को दर्शाता है।
सराहनीय पहलें और सुधार की दिशा
1. बजट प्रबंधन की दक्षता
XV वित्त आयोग फंड का लगभग 100% उपयोग एक मजबूत योजना और निष्पादन का संकेत देता है।
2. ई-गवर्नेंस की ताकत
eGramSwaraj
पोर्टल का अधिक उपयोग पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ा सकता है।
3. क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण
स्थानीय प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को डिजिटल उपकरणों और योजना नियमों का प्रशिक्षण आवश्यक है।
4. सामुदायिक भागीदारी
यदि ग्राम सभा की बैठकों में इन आंकड़ों को साझा किया जाए तो जनता की भागीदारी और निगरानी स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी।
निष्कर्ष: गांवों से ही बनता है आत्मनिर्भर भारत
अदलपुर समदू ग्राम पंचायत की वित्तीय रिपोर्ट यह बताती है कि ईमानदार और योजनाबद्ध प्रशासनिक कार्यशैली से ग्रामीण भारत को विकास की मुख्यधारा में लाया जा सकता है। हालांकि, पारदर्शिता, समयबद्ध कार्यान्वयन और जनता की भागीदारी को और मज़बूत बनाने की आवश्यकता बनी हुई है।
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