विषय 4 ग्राम सभा क्या है और इसका महत्व
भूमिका
भारत के संविधान में लोकतंत्र की आत्मा लोगों की भागीदारी मानी गई है। यदि हम ग्राम स्तर पर लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो उसके लिए ग्राम सभा सबसे महत्वपूर्ण मंच है। यह न केवल एक कानूनी संस्था है बल्कि लोकतांत्रिक चेतना का जीवंत उदाहरण भी है। ग्राम सभा लोगों को अपने गांव के विकास योजनाओं और प्रशासन में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है।
ग्राम सभा की परिभाषा
ग्राम सभा का सामान्य अर्थ है गाँव के सभी वयस्क नागरिकों की बैठक। संविधान के तिहत्तरवें संशोधन अधिनियम उन्नीस सौ बानवे के अनुसार ग्राम सभा उस गाँव या ग्राम पंचायत क्षेत्र के सभी ऐसे व्यक्तियों की सभा है जो मतदाता की योग्यता रखते हैं। इसका आशय यह है कि अठारह वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी नागरिक जो उस पंचायत क्षेत्र में निवास करते हैं और मतदाता सूची में दर्ज हैं वे ग्राम सभा के सदस्य होते हैं।
ग्राम सभा और ग्राम पंचायत में अंतर
बहुत से लोग ग्राम सभा और ग्राम पंचायत को एक ही समझ लेते हैं जबकि दोनों में महत्वपूर्ण अंतर है।
ग्राम पंचायत निर्वाचित प्रतिनिधियों का समूह होता है जो पंचायत क्षेत्र में शासन और विकास कार्य करता है।
ग्राम सभा पंचायत क्षेत्र के सभी मतदाताओं का समूह होता है जो ग्राम पंचायत की गतिविधियों की निगरानी करता है और सुझाव व आलोचना के माध्यम से उसे उत्तरदायी बनाता है।
ग्राम सभा के प्रमुख कार्य
पहला ग्राम पंचायत की योजनाओं पर चर्चा करना
ग्राम सभा की बैठक में ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तावित विकास योजनाओं जैसे सड़क निर्माण जल आपूर्ति स्कूल सुधार स्वच्छता अभियान आदि पर चर्चा होती है। गाँव के लोग इन योजनाओं के पक्ष या विपक्ष में अपनी राय व्यक्त करते हैं।
दूसरा बजट और व्यय की समीक्षा
ग्राम पंचायत द्वारा खर्च की गई राशि और प्रस्तावित बजट का विवरण ग्राम सभा के समक्ष रखा जाता है। यदि ग्राम सभा को किसी खर्च में अनियमितता या अनावश्यकता दिखती है तो वह उसे रोकने की सिफारिश कर सकती है।
तीसरा लाभार्थियों का चयन
सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना उज्ज्वला योजना मनरेगा आदि के लाभार्थियों का चयन ग्राम सभा की बैठक में होता है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी प्रकार का भेदभाव न हो।
चौथा सामाजिक ऑडिट
ग्राम सभा पंचायत के कार्यों का सामाजिक ऑडिट करती है यानी योजनाओं के कार्यान्वयन की सत्यता की पुष्टि करती है। यह ग्रामीण जनता को यह जानने का अधिकार देती है कि उनके गांव में वास्तव में क्या कार्य हुए हैं और उनमें कितना खर्च हुआ है।
पाँचवाँ प्रस्ताव और सुझाव देना
ग्राम सभा के सदस्य पंचायत को गाँव से संबंधित किसी भी विषय पर सुझाव दे सकते हैं जैसे नशा मुक्ति अभियान स्कूल सुधार पौधारोपण स्वास्थ्य शिविर आदि। पंचायत को इन सुझावों को ध्यान में रखकर कार्य करना होता है।
छठा अनुशासन और सामाजिक मामलों पर निर्णय
गाँव के किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक शांति भंग करने पर ग्राम सभा उसे चेतावनी दे सकती है। कई मामलों में ग्राम सभा सामाजिक विवादों का समाधान भी करती है जैसे भूमि विवाद जल वितरण आपसी झगड़े आदि।
ग्राम सभा की शक्तियाँ और अधिकार
ग्राम सभा के पास कुछ कानूनी अधिकार भी होते हैं जो उसे पंचायत पर निगरानी रखने में सक्षम बनाते हैं। जैसे
विकास कार्यों की निगरानी करना
बजट और खर्च की जानकारी प्राप्त करना
लाभार्थियों की सूची की स्वीकृति देना
सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना
पंचायत के काम में भ्रष्टाचार की शिकायत करना
ग्राम सभा यह भी सिफारिश कर सकती है कि किसी पंच या सरपंच को अनियमितता के लिए उत्तरदायी ठहराया जाए और उसकी जांच कराई जाए।
ग्राम सभा की बैठकें
प्रत्येक ग्राम पंचायत को वर्ष में कम से कम चार बार ग्राम सभा की बैठक आयोजित करनी होती है। सामान्यतः ये बैठकें जनवरी अप्रैल जुलाई और अक्टूबर के महीनों में होती हैं।
बैठकों में उपस्थिति अनिवार्य नहीं होती लेकिन सरकार और पंचायत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिकतम लोग भाग लें। कई राज्य सरकारें ग्राम सभा में भाग लेने वालों को प्रोत्साहन राशि भी देती हैं और जागरूकता अभियान चलाती हैं।
ग्राम सभा की आवश्यकता क्यों
ग्राम सभा एक ऐसा मंच है जहाँ आम नागरिक को अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से सवाल पूछने और अपनी समस्याएँ सीधे रखने का अवसर मिलता है। इसके बिना पंचायतें पूरी तरह स्वतंत्र होकर कार्य करेंगी और उनकी जवाबदेही खत्म हो जाएगी।
ग्राम सभा लोकतंत्र को जीवंत बनाती है
यह सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाती है
जनभागीदारी से योजनाएँ सफल होती हैं
गाँव के संसाधनों का न्यायसंगत उपयोग सुनिश्चित होता है
ग्राम सभा की वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ
हालाँकि ग्राम सभा की अवधारणा बहुत शक्तिशाली है लेकिन आज इसकी प्रभावशीलता कई स्थानों पर कम हो गई है।
बैठकों में लोगों की उपस्थिति बहुत कम रहती है
लोगों को ग्राम सभा के अधिकारों और शक्तियों की जानकारी नहीं होती
कई बार सरपंच या सचिव बैठकों की सूचना समय पर नहीं देते
राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ग्राम सभा के निर्णयों की उपेक्षा की जाती है
समाधान और सुधार के सुझाव
ग्राम सभा की बैठकों को अनिवार्य और नियमित रूप से आयोजित किया जाए
बैठक की सूचना समय पर दी जाए और हर नागरिक को आमंत्रण मिले
ग्राम सभा के कार्यों को प्रचारित किया जाए जैसे माइक उद्घोषणा पोस्टर या मोबाइल मैसेज
लोगों को उनके अधिकारों के बारे में प्रशिक्षण और जागरूकता दी जाए
सामाजिक संगठनों को ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेने और निगरानी करने की अनुमति दी जाए
बैठकों में लिए गए निर्णयों का अनुपालन अनिवार्य किया जाए
निष्कर्ष
ग्राम सभा भारत के लोकतंत्र की आत्मा है। यह आम नागरिक को शासन प्रणाली का हिस्सा बनाती है और पंचायतों को उत्तरदायी बनाती है। यदि ग्राम सभा को सक्रिय और जागरूक बनाया जाए तो कोई भी पंचायत जनता की इच्छाओं के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकती। ग्राम सभा से ही सच्चे ग्राम स्वराज का मार्ग प्रशस्त होता है।
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